नागपंचमी पर 24 घंटे खुलेगा श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर, 11वीं सदी की दुर्लभ प्रतिमा के होंगे दर्शन

नागपंचमी पर 24 घंटे खुलेगा श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर, 11वीं सदी की दुर्लभ प्रतिमा के होंगे दर्शन

उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर विराजित श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन वर्ष में केवल एक बार, नागपंचमी के दिन होते हैं। इस वर्ष मंदिर के पट 28 जुलाई सोमवार रात 12 बजे खुलेंगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनितगिरी महाराज त्रिकाल पूजन करेंगे। श्रद्धालु 29 जुलाई मंगलवार रात 12 बजे तक दर्शन कर सकेंगे।


क्या है विशेष?

  • 11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा:
    श्री नागचंद्रेश्वर सात फनों वाले नाग पर विराजित हैं। प्रतिमा में शिव-पार्वती, नंदी-सिंह, गणेश, कार्तिकेय और सूर्य-चंद्रमा की आकृतियां बनी हैं।
    यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई मानी जाती है, और ऐसी प्रतिमा दुनिया में कहीं और नहीं मिलती।

  • पूजन व्यवस्था:
    28 जुलाई रात 1 बजे से दर्शन शुरू होंगे।
    29 जुलाई को दोपहर 12 बजे विशेष पूजन और शाम को महाकाल की आरती के बाद पूजन-अभिषेक होगा।


दर्शन व पार्किंग व्यवस्था:

  • श्रद्धालु चारधाम मंदिर से लाइन में लगकर हरसिद्धि मंदिर चौराहे होते हुए गेट क्रमांक 4 से प्रवेश करेंगे।

  • एयरो ब्रिज से नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंचने की सुविधा।

  • वाहन मेघदूत पार्किंग, हाटबाजार, कर्कराज मंदिर, कार्तिक मेला ग्राउंड और सरफेस पार्किंग में पार्क किए जा सकेंगे।

  • दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए व्हीलचेयर, पेयजल, एंबुलेंस, फायर स्टेशन और खोया-पाया केंद्र की व्यवस्था होगी।

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